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क्विक हील फाउंडेशन ने 50 लाख से ज्यादा लोगों की जिंदगी बदली, ‘साइबर शिक्षा फॉर साइबर सुरक्षा’ अवार्ड्स 2024 का आयोजन किया

by Business Remedies
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बिजऩेस रेमेडीज/पुणे
दुनियाभर में साइबरसुरक्षा के लिये समाधान प्रदान करने वाली क्विक हील टेक्नोलॉजीज लिमिटेड की सीएसआर शाखा, क्विक हील फाउंडेशन ने पुणे, महाराष्ट्र में 10 फरवरी को ‘साइबर शिक्षा फॉर साइबर सुरक्षा अवार्ड्स’ के साल 2024 संस्करण की मेजबानी की। इस समारोह में उन संस्थानों, शिक्षकों और विद्यार्थियों के उत्कृष्ट प्रयासों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपनी इच्छा से ‘साइबर शिक्षा फॉर साइबर सुरक्षा’ की प्रमुख पहलों में भाग लिया था। पुरस्कार समारोह में क्विक हील फाउंडेशन की चेयरपर्सन अनुपमा काटकर, जलगांव की कवयित्री बहीनाबाई चौधरी, नॉर्थ महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर वी. एल. माहेश्वरी, पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर सोलापुर यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) प्रकाश ए. महानवर, महाराष्ट्र साइबर के एसपी श्री संजय शिंत्रे और पहलों में भाग लेने वाले 29 संस्थानों के शिक्षक मौजूद रहे।
‘साइबर शिक्षा फॉर साइबर सुरक्षा’ पहल का लक्ष्य डिजिटल दुनिया में साइबर सुरक्षा और सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों के महत्व पर जागरूकता पैदा करना और जन-साधारण को शिक्षित करना है। यह खासकर समाज में हाशिये पर खड़े वर्गों के लिये है। यह पहल साइबरसुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर 47 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों, शिक्षकों और आम लोगों को जागरूक कर चुकी है। ऐसे पहलुओं में साइबर खतरों की पहचान, साइबर हाइजीन की आदत, लागू साइबर कानून और साइबर नैतिकता शामिल हैं। इसके लिये स्थानीय शैक्षणिक संस्थानों के साथ गठजोड़ किये जाते हैं और नुक्कड़ नाटक होते हैं। इस पहल के तहत फाउंडेशन ने ‘अर्न एण्ड लर्न’ प्रोग्राम लॉन्च किया है, जिसका मकसद देश के युवाओं को सशक्त करना है। यह प्रोग्राम उद्देश्यपूर्ण तरीके से विद्यार्थी स्वयंसेवकों के साथ जुडक़र उन्हें अपने कौशल को मजबूत बनाने के लिये प्रशिक्षण देता है, ताकि वे भविष्य में देश के नेतृत्वकर्ता बन सकें। ऐसे विद्यार्थी समुदायों के बीच बड़े पैमाने पर साइबर जागरूकता फैलाने के लिये यथासंभव सबसे रचनात्मक तरीकों में जुड़ते हैं। पिछले साल ही इस पहल ने 8 लाख से ज्यादा लोगों तक पहुँच बनाई थी।
पुरस्कारों के लिये नॉमिनेशंस महाराष्ट्र और कर्नाटक के 6 ज़ोन्स से आये थे, जिससे कार्यक्रम के व्यापक असर का पता चलता है। पुरस्कार साइबर सुरक्षा वारियर्स (विद्यार्थी), साइबर सेफ्टी चैम्पियंस (शिक्षक) और साइबर शिक्षा चैम्पियंस ऑफ द ईयर (संस्थान) की श्रेणियों में दिये गये। इसका आधार था कॉलेजों से मिला वह डाटा, जिसमें कार्यवाही, गतिविधियों और पहुँच की कोशिशों का विवरण था। साइबर वारियर्स को 3 श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया- बेस्ट प्रोसेस कॉम्प्लायंस, हाएस्ट आउटरीच एण्ड इम्पैक्ट और आउटस्टैण्डिंग परफॉर्मेंस। इधर साइबर सिक्योरिटी चैम्पियंस को 2 श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया- बेस्ट प्रोसेस कॉम्प्लायंस और एक्स्ट्रा माइल रीकग्निशन। साइबर शिक्षा चैम्पियंस को 3 श्रेणियों में पुरस्कार मिले- बेस्ट प्रोसेस कॉम्प्लायंस, स्पेशल एप्रीसिएशन फॉर मीडिया आउटरीच और क्रिएटिव परफॉर्मेंस। इन श्रेणियों में से हर श्रेणी के छह विजेता थे और भाग लेने वाले सभी लोगों का बेजोड़ योगदान व उपलब्धियाँ सामने आईं।
इस अवसर पर बात करते हुए, क्विक हील में ऑपरेशनल एक्सीलेंस की चीफ और क्विक हील फाउंडेशन की चेयरपर्सन अनुपमा काटकर ने कहा, कि मुझे सीएसआर के लिये हमारी पहलों का असर देखकर बड़ा गर्व हो रहा है। 50 लाख से ज्यादा लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है, खासकर देश के सुदूर कोनों में रहने वाले लोगों पर। इस उपलब्धि को यादगार बनाने के लिये ‘साइबर शिक्षा फॉर साइबर सुरक्षा’ अवार्ड्स के साल 2024 संस्करण से बेहतर क्या हो सकता था यह महत्वपूर्ण समारोह अपनी इच्छा से भाग लेने वाले संस्थानों, समर्पित शिक्षकों और उत्साही विद्यार्थियों के अनमोल योगदान को सम्मानित करता है। उन्होंने जन-साधारण के बीच साइबर सुरक्षा का महत्वपूर्ण संदेश फैलाने के लिये आदर्श प्रतिबद्धता दिखाई है। यह समारोह हमारे देश का भविष्य में नेतृत्व करने वालों, यानि युवाओं को प्रेरित एवं सशक्त करने के लिये हमारी अटूट प्रतिबद्धता भी साबित करता है। मैं हमारे सभी भागीदारों, स्थानीय राज्यों के प्रशासन, पुलिस, महाराष्ट्र साइबर और नैस्कॉम समेत उद्योग निकायों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करती हूँ।

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